मामा की लड़की ke बीच में हुई चुदाई की कहानी है. 

दोस्तो नमस्कार.

मेरा नाम अक्षय है और मैं हैदराबाद में जॉब करता हूं.

 

मैं आशा करता हूं कि इस करोना काल की सेक्स कहानी को आप सब पसंद करेंगे.

 

यह वर्जिन सिस्टर फक़ स्टोरी मेरे और मेरे मामा की लड़की साक्षी के बीच में हुई चुदाई की कहानी है.

 

मेरे मामा के घर में पांच लोग रहते हैं, मामा-मामी, उनकी दो बेटियां और उनका एक बेटा, जो उम्र में बहुत ही छोटा है.

 

पहले मेरे मामा भी हैदराबाद में ही रहते थे लेकिन उनका ट्रांसफर गुंटूर हो गया था जो हैदराबाद से 300 किलोमीटर दूर है.

ट्रेन से गुंटूर जाने के लिए हैदराबाद से चार-पांच घंटे लगते हैं.

 

मेरे मामा की बड़ी बेटी साक्षी दिखने में एकदम जबरदस्त माल है.

उसे देख कर कोई बुड्ढा भी जवानी की भीख मांगेगा लेकिन उसकी हाइट बहुत ही कम है.

 

साक्षी एक साउथ की सेक्सी एक्ट्रेस की तरह दिखती है. उसकी गठीली देह किसी भी लंड को घायल करने के लिए काफी है.

मुझे भी वो बहुत हॉट लगती थी मगर बहन होने का लिहाज करके मैं मन मसोस कर रह जाता था.

 

हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुल कर बातें करते थे, दोनों एक दूसरे को अपने सारे सीक्रेट्स बताते रहते थे.

 

एक दिन रात में मैंने गलती से एक पोर्न वीडियो उसको व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड कर दिया.

मैंने तुरंत वह वीडियो डिलीट कर दिया लेकिन तब तक उसने वह वीडियो देख लिया था.

 

मैंने 2 दिन तक उसे कुछ भी मैसेज नहीं किया.

तो उसने ही वीडियो का रिप्लाई देते हुए कहा कि वह वीडियो उसने पहले ही देख लिया था और वह उसका बहुत पसंदीदा पोर्न स्टार है.

 

उसका यह रिप्लाई देख कर मैं भी थोड़ा खुल गया और हम अब सेक्स की भी बातें करने लगे थे.

 

मतलब जैसे कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कौन से शॉट लगाता हूं और कौन से शॉट में क्या पोजीशन रहती है?

अब जब हम लोग खुलने लगे तो कभी-कभी हम दोनों व्हाट्सएप पर रोल-प्ले भी कर लिया करते थे.

 

एक बार वो मुझसे बोली- आज मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड से मजा नहीं आया.

मैंने कहा- क्यों उसने पेला नहीं?

 

वो बोली- इतनी छूट नहीं दी है मैंने … अभी मैं सीलपैक माल हूँ.

मैंने कहा- तो कब तुड़वाओगी अपनी सील?

 

वो बोली- जिससे तुड़वाने का मन है, बस वो सैट हो जाए, तब मैं मजा ले लूंगी.

मैंने बात और खुल कर करनी शुरू की तो ऐसे ही बातें करते हुए उसने मुझे बताया कि मैं उसका पहला क्रश हूँ और अब भी वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है.

 

उसकी यह बात सुनकर पहले मैं हैरान हो गया.

पर मन ही मन मैं बहुत खुश भी हुआ था.

मुझे ऐसा लगा था, जैसे दोनों हाथों में लड्डू हों.

 

अब हम दोनों मिलने का प्लान बनाने लगे और कुछ दिन बाद उसके शहर गुंटूर के एक फाइव स्टार होटल में मिलने का तय हो गया.

 

गुंटूर जाने के एक दिन पहले मैंने ओयो से एक फाइव स्टार होटल में रूम बुक कर लिया.

उस दिन का पूरा शेड्यूल साक्षी को व्हाट्सएप पर बता दिया.

 

उस रात साक्षी ने मेरे को उसकी सब फैंटेसी बता दी, मतलब उसे कौन सी पोजीशन ज्यादा पसंद है, उसे फोर-प्ले में ज्यादा इंटरेस्ट है, उसे लंड चूसना बहुत पसंद है.

 

वो मुझको अपनी एक एक फैंटेसी बताती गई.

उसकी बातें सुनकर मैं एक एक कदम आसमान की तरफ जा रहा था.

 

उस रात मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई.

मैंने पूरी प्लानिंग कर ली और सुबह 5:00 बजे की ट्रेन से गुंटूर निकल पड़ा.

 

हैदराबाद से गुंटूर यह 5 घंटे का सफर मुझे जैसे कि पांच सदियों जैसा लग रहा था.

 

मैं करीब 10:00 बजे के गुंटूर स्टेशन पहुंच गया, वहां पर साक्षी मेरा इंतजार ही कर रही थी.

वह भी पूरी सज धज कर मुझको रिसीव करने आई थी.

 

उसे देख कर मुझे समझ आ गया कि वो भी सेक्स के लिए पूरी कामातुर है.

 

उसने उस दिन ब्लैक कलर का वन पीस पहना हुआ था.

उस ड्रेस में वह बहुत ही सेक्सी दिख रही थी.

ऐसा लग रहा था जैसे आसमान से कोई अप्सरा मुझसे मिलने आई हो.

 

उससे मिलते ही मैंने एक टाइट हग कर लिया और हम दोनों होटल की तरफ चल पड़े.

 

मैंने होटल में चैक-इन किया और हम रूम में चले गए.

मैंने रूम अच्छे से अन्दर से लॉक कर दिया.

 

सुबह की यात्रा की वजह से मैं बहुत थका हुआ था तो मैं फ्रेश होने के लिए सारे कपड़े निकाल कर बाथरूम में चला गया.

 

मैं नहा लिया और तौलिया लपेटकर बाहर आने के लिए जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला, साक्षी मेरे ऊपर कूद पड़ी.

पहले उसने मुझे होंठों पर किस किया और फिर मेरी छाती पर जोर से काट लिया.

 

मैंने उसे अपनी गोदी में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया और मैं भी उसके होंठों पर किस करने लगा.

 

हम दोनों की जुबान एक दूसरे से टकराने लगी.

वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

 

हम दोनों करीब दस मिनट तक एक दूसरे के होंठों का रस पीने में खो से गए थे.

 

मैंने धीरे धीरे उसकी चूचियां दबाना शुरू की और अपने हाथों का जादू चलाने लगा.

 

वो भी गर्म हो रही थी.

उसने झटके से मेरा तौलिया खींच लिया और मुझे नंगा कर दिया.

 

मेरा सात इंच का लंड उसकी चूत को सलामी देने लगा.

मेरा इतना बड़ा और मोटा लंड देख कर साक्षी दंग हो गयी.

 

मैंने भी उसकी ड्रेस को निकाल दिया और उसे अंडरगारमेंट्स में कर दिया.

वो मेरे सामने बस लाल रंग की ब्रा और पैंटी में खड़ी थी.

 

उसके गोरे बदन पर वो लाल ब्रा और पैंटी मुझे और ज्यादा उकसा रहे थे.

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे सामने आलिया भट्ट नंगी खड़ी है.

 

मैं उसको कस के पकड़कर किस करने लगा और हाथों से उसके चूचियां दबा रहा था.

वो भी अब पूरी तरह से चुदने को तैयार थी और ‘आहह उउहह …’ करके मेरा साथ दे रही थी.

 

वो मेरे लंड से बड़े प्यार से ऐसे खेल रही थी, जैसे छोटे बच्चे अपने खिलौने से खेलते हैं.

मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था.

 

मैं उसकी चूचियां अपने मुँह और हाथों में लेकर चूसने मसलने लगा.

 

मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया.

उसका अनारदाना बहुत ही कड़क हो गया था.

 

जैसे ही मैंने उसके निप्पल को काटा मानो उसके बदन में बिजली गिर गई हो, वो ऐसे सिहर उठी थी.

 

फिर मैं अपनी जीभ से उसके पेट को चाटने लगा. उसकी नाभि के अन्दर जीभ डालने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था.

 

मेरी इस प्रणयक्रीड़ा से वो सातवें आसमान पर थी और उसकी मादक आवाजें ‘आहह आआआ उउहह ..’ मुझे उसको चोदने के लिए आमंत्रित कर रही थीं.

 

मैंने हल्के से जब उसकी चूत की नाजुक होंठों से अपने रसभरे होंठ मिलाए, तब मुझे अहसास हुआ कि उसके होंठों का पानी किसी अमृत से कम नहीं है.

मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत का अमृतरूपी पानी का स्वाद लेने लगा.

 

कुछ ही देर में साक्षी अपने चरम पर पहुंच चुकी थी.

उसने अपना पूरा शरीर किसी लोहे की रॉड जैसा अकड़ा लिया था.

 

उसी वक्त उसकी चुत का अमृत भलभला कर निकलने लगा और उसकी चुत ने अपना मेरे मुँह में अर्पित कर दिया.

मैं भी उसकी चुत के रस को पीकर तृप्त हो गया और आगे की अपनी इस प्रक्रिया को जारी रखा.

 

हम दोनों बेड पर करीब दस मिनट तक एकदम निश्चल पड़े रहे.

साक्षी ने उठ कर खुद को साफ कर लिया और वो अब फिर से चुदाई के लिए तैयार थी.

 

उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

मैं भी उसकी चूचियां मुँह में लेकर चूसने लगा.

जल्द ही मैंने उसको 6-9 की पोजीशन में किया और फिर से उसकी चूत चाटने लगा.

 

उसकी चूत का स्वाद चखकर मैं पागल हो चुका था.

 

वो भी ‘अअह … उउहह …’ करने लगी और कहने लगी- अक्षय अब मुझे और मत तड़पाओ, मुझे जल्दी से चोद डालो … मेरी चूत को आज फाड़ दो.

 

तुरंत मैंने उसे बेड पर उल्टा लिटाया और उसके नीचे तकिया लगाकर उसकी गांड को ऊपर उठाया.

मैंने लंड के टोपे पर थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत के छेद पर टिका दिया.

 

पहले मैंने उसको जोर से होंठों पर किस किया और हल्के से नीचे से उसकी चूत में धक्का दे मारा.

पहले तो मेरा लंड फिसल गया.

 

मैंने फिर से अच्छे से लंड को सैट किया और इस बार थोड़ा जोर से धक्का मारा.

मेरा लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया था.

 

जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में घुसा, साक्षी की मुँह से चीख निकल पड़ी- आह मर गई अक्षय साले मेरी चूत फट गयी भोसड़ी के … निकाल जल्दी से!

 

मैंने उसके होंठों को किस किया और उसकी आवाज को दबाने लगा.

पर शायद उसको सच में ज्यादा दर्द हो रहा था, उसकी आंखों से पानी निकल आया था.

 

मैं उसका दर्द कम होने तक के लिए थोड़ी देर रुक गया और उसे चूमने सहलाने लगा.

कुछ पल बाद मैंने हल्के से फिर से धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस चुका था.

 

इस बार मैंने उसको होंठों को दबाकर रखा था इसलिए वो कुछ कह नहीं पायी.

उसी वक्त मैंने और एक धक्का दे मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.

 

मैं थोड़ी देर रुका, जिसकी वजह से साक्षी का दर्द कम हो गया.

फिर जैसे ही मुझे लगा कि साक्षी अब सामान्य हो गयी है तो मैंने और एक-दो धक्के लगा दिए.

 

लंड चुत में सैट हो गया था और साक्षी को भी सहज लगने लगा था.

मैंने तेजी धक्के लगाने शुरू कर दिए.

 

पहले मैंने हल्के हल्के धक्के लगाए और जैसे ही साक्षी को भी मज़ा आने लगा, तब मैं रफ़्तार बढ़ाने लगा.

 

साक्षी की ‘उहह आआह …’ की मादक किलकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा था.

वो अपनी तरफ से अपनी चुत उठा कर मुझको और उत्तेजित कर रही थी.

 

मैं भी पूरे जोश से उसकी चुदाई कर रहा था.

शायद ही कोई लड़का इतने मजे लेता होगा, जितना मैं साक्षी की चुदाई का मजा ले रहा था.

 

वर्जिन सिस्टर फक़ से पूरे कमरे में थप थप की आवाज भी गूंज रही थी.

 

करीब बीस मिनट के बाद साक्षी ने अपना पूरा बदन अकड़ा लिया.

मैं समझ गया कि साक्षी का स्खलन होने वाला है तो मैंने मेरी रफ़्तार और तेज़ कर दी और मैं भी उसी के साथ झड़ गया.

मैंने उसकी चूत में अपना पूरा माल छोड़ दिया.

 

हम दोनों भी पानी में पड़े सांप की तरह सुस्त पड़ गए और हमें कब नींद लग गयी, कुछ पता ही नहीं चला.

 

जब हम दोनों नींद से उठे तो करीब पांच बज चुके थे.

 

हम दोनों ने जल्दी जल्दी में और एक बार सेक्स किया और नहाने के लिए चले गए.

उस दिन हम दोनों एक साथ बाथरूम नंगे नहाए और फ्रेश होकर मैंने साक्षी को उसके घर छोड़ दिया.

 

मैं चुदाई के सुनहरे पल साथ लेकर हैदराबाद वापिस आ गया.

तो दोस्तो, यह थी मेरे जीवन की पहली सच्ची सेक्स कहानी!

आपको कैसी लगी वर्जिन सिस्टर फक़ स्टोरी? मेल पर जरूर बता दीजिये और कुछ गलतियां हुई हों तो कृपया माफ़ कीजिए.

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