Sister & brother sex stories

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम रॉबिन है और यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. मेरी उम्र 23 साल है.

 

यह कहानी मेरी बुआ की बेटी कजिन सिस्टर की है.

उनका नाम शिवानी है और उनकी उम्र 29 साल है.‌‌‌‌

 

वैसे तो मुझे पक्का नहीं पता … लेकिन बाकी लड़कियों की तुलना में वे बहुत ही कामुक और भरे बदन की मालकिन हैं.

उनका फिगर 34-30-36 से कम का तो हो ही नहीं सकता है.

 

वे अभी पढ़ाई कर रही हैं इसलिए उन्होंने शादी नहीं की.

मैं उन्हें दीदी कह कर बुलाता हूँ.

 

यह भाई बहन घर सेक्स कहानी तब की है जब दीदी स्कूल की छुट्टियों में हमारे घर घूमने आया करती थीं.

 

उस वक्त हमारे घर में दो ही कमरे थे.

एक में मम्मी पापा और एक में मैं रहता था.

 

एक रूम ऊपर था और एक नीचे था.

मम्मी पापा को सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत न हो, इसलिए मैं ही ऊपर वाले कमरे में रहता था.

 

जब कभी दीदी घर आतीं, वह मेरे कमरे में ही रहती थीं.

मैंने कभी दीदी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था कि मैं उनके साथ सेक्स करूँगा.

 

हालांकि वे खुले विचारों की थीं और मुझसे काफी हंसी मज़ाक किया करती थीं.

 

वे मुझसे अपनी ज्यादातर बातें साझा करती थीं और मेरे साथ इतनी ज्यादा सहज थीं कि कई बार तो मेरे सामने ही कपड़े चेंज कर लेती थीं.

 

मेरे ख्याल से शायद उन्होंने भी मेरे साथ सेक्स के बारे में नहीं सोचा होगा.

 

एक बार की बात है.

उस वक्त मेरे दादाजी की तबीयत खराब हो गयी थी तो मम्मी पापा को गांव जाना पड़ा था.

उन्होंने दीदी और मुझे घर पर ही रहने को कहा और चले गए.

 

अब मम्मी पापा घर नहीं थे तो हमारा भी मन नहीं लग रहा था.

हम लोग टीवी देखने लगे.

काफी देर तक यूं ही टाइम पास करते रहे.

 

टीवी पर हॉलीवुड मूवी चल रही थी और अचानक उसमें एक बोल्ड सीन आ गया.

उसके बाद नायक नायिका में किस होने लगी.

 

वैसे तो मम्मी पापा के रहते हम ये सब नहीं देख सकते थे, पर आज तो कोई रोक-टोक थी ही नहीं.

 

यह सब देख कर दीदी को उनके बॉयफ्रेंड की याद आ रही थी.

उन्होंने बाहर जाकर अपने बॉयफ्रेंड को कॉल किया और बातें करने लगीं.

 

मैं आराम से टीवी देखता रहा.

दीदी काफी देर तक बात करती रहीं.

रात के दस बज चुके थे.

 

फिर दीदी अन्दर आ गईं.

 

अब मुझे भी नींद आ रही थी.

मैंने दीदी से कहा- मैं सोने जा रहा हूँ.

दीदी ने हां में सिर हिला दिया.

 

मैं ऊपर जाने लगा.

तभी दीदी ने आवाज लगाई- रुक, मैं भी चल रही हूँ.

 

फिर हम दोनों रूम में आ गए.

 

मैं सोने लगा और दीदी फोन चला रही थीं.

 

रात के करीब 2 बजे मुझे अचानक आवाज सुनाई दी.

यह दीदी के फोन की आवाज थी.

 

मुझे समझ आ गया कि दीदी पोर्न मूवी देख रही हैं.

 

मेरी नींद तो उड़ ही गयी थी लेकिन मैं उठा नहीं और लेटे लेटे ही आह आह वाली आवाजें सुनने लगा.

मैं कान खड़े करके अंदाज लगा रहा था कि क्या चल रहा होगा.

 

मेरी पीठ दीदी की तरफ थी तो मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.

कुछ देर ध्यान से सुना तो समझ आ गया कि यह आवाज मोबाइल से नहीं आ रही है बल्कि दीदी की आवाज है.

 

दीदी शायद चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि मुझे उनकी गीली चूत की चप चप की आवाज साफ सुनाई दे रही थी.

 

मैं लेटा रहा.

अब मेरा लंड भी अब फुंफकार मार रहा था.

लेकिन मैं हिल भी नहीं सकता था क्योंकि हिलने से दीदी को पता चल जाता कि मैं जाग रहा हूँ.

 

काफी देर तक यूं ही पड़ा रहने के बाद कब मुझे नींद आ गयी, कुछ पता ही नहीं चला.

 

सुबह जब उठा तो देखा दीदी उठ चुकी थीं और काम कर रही थीं.

पर अब मेरे दिमाग में वही बात घूमने लगी कि रात को दीदी पोर्न देख कर चूत में उंगली कर रही थीं.

 

मेरा लंड बिस्तर में ही फुंफकार मार रहा था.

मैं तुरंत बाथरूम में गया और दीदी के नाम की मुट्ठी मारने लगा.

कुछ देर में ही मैं झड़ गया और मेरे लंड से ढेर सारा माल निकला.

 

तभी दीदी ने चाय के लिए आवाज लगाई.

मैं फ्रेश होकर बाहर चला गया और चाय पीने लगा.

दीदी बाथरूम में नहाने चली गईं.

 

थोड़ी देर बाद दीदी की जोर से आवाज आई- रॉबिन इधर आ!

मैं गया तो देखा कि दीदी टॉवल बांधकर खड़ी हैं.

 

मुझे तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी जल्दी मेरा सपना पूरा होने वाला है.

पर दीदी के चेहरे पर गुस्सा साफ दिख रहा था.

 

तभी दीदी ने फर्श की तरफ इशारा करते हुए कहा- ये क्या है?

 

मुझे याद ही नहीं रहा कि मैंने फर्श साफ ही नहीं किया था, मेरा माल वहीं गिरा हुआ था.

मैंने घबराते हुए कहा- ये तो मैंने नाक साफ की थी.

 

दीदी कहने लगीं- मुझसे झूठ मत बोल … मुझे नहीं दिख रहा है कि यह क्या है?

मैं घबरा गया और दीदी से बोलने लगा- प्लीज दीदी पापा को कुछ मत बोलना.

 

मेरी हालत खराब थी.

दीदी के सामने गांड फट रही थी कि पापा को न पता चल जाए.

 

तभी दीदी मेरी हालत देखकर हंसने लगीं.

मुझे समझ नहीं आया कि यह हो क्या रहा है?

 

फिर वे बोलीं- अरे पागल मैं मुट्ठी मारने के बारे में नहीं बोल रही हूँ. यह साफ तो कर देता कम से कम … गधा!

वे जोर जोर से हंसने लगीं.

 

दीदी के मुँह से मुट्ठी मारना शब्द सुन कर मैं दंग रह गया.

वे आगे बोलीं- अभी मैं फिसल कर गिर जाती पगले … आगे से सफाई का ध्यान रखा कर! चल अब जा, यह मैं साफ कर दूँगी.

 

मैं वहां से बाहर हॉल में आ गया.

 

ये सारी बातें जो दीदी ने मुझसे कहीं, मेरे लिए ये सब एक ग्रीन सिग्नल की तरह थीं.

अब तो मैं बेसब्री से दीदी को चोदने के लिए तैयार था.

 

दीदी नहा कर बाहर आईं तो सब कुछ ऐसे सामान्य था, जैसे कुछ हुआ ही नहीं.

 

कुछ देर बाद दीदी ने किचन से आवाज लगाई- रॉबिन इधर आ!

मैं अन्दर गया तो दीदी ने हेल्प करवाने के लिए कहा.

 

वह ऐसे बर्ताव कर रही थीं, जैसे कुछ हुआ ही न हो.

दिन भर इधर उधर की बातें और काम करते हुए मैं सिर्फ रात का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मुझे रहा नहीं जा रहा था.

 

और दीदी थीं कि सिग्नल ही नहीं दे रही थीं.

 

मैंने कोशिश तो की सेक्स के बारे में इधर उधर की बातें करने की.

पर कोई सिग्नल नहीं मिला तो मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा था.

 

खैर … जैसे तैसे दिन निकल गया और हम खाना खाकर टीवी देखने लगे.

 

आज मेरे हाथ में रिमोट था और मैं ऐसी मूवी तलाश कर रहा था जिसमें बोल्ड या किसिंग सीन हों.

 

एक हॉलीवुड हॉरर मूवी मिली जिसमें काफी ज्यादा सीन थे.

कुछ देर देखने के बाद दीदी बाहर अपने बॉयफ्रेंड से बात करने चली गईं.

 

मैं समझ गया कि दीदी का मूड बन रहा है.

आज दीदी काफी देर तक बात करती रहीं.

 

करीब 11 बजे दीदी वापस आईं.

तब तक मैं टीवी देख रहा था.

 

दीदी ने कहा- चल सोते हैं, रात काफी हो चुकी है.

हम दोनों ऊपर आ गए.

 

पर मुझे कहां नींद आने वाली थी.

इस बार मैं दीदी की तरफ सिर करके सोया ताकि सब देख भी सकूं.

 

लेकिन काफी देर जगने के बाद भी दीदी आज अपनी चूत में उंगली नहीं कर रही थीं.

 

आज मुट्ठी मारने की वजह से मुझे भी नींद आ रही थी.

तो मुझे नींद लग गयी और दीदी अपने फोन में कुछ चला रही थीं.

 

करीब आधी रात को मेरी नींद खुली क्योंकि दीदी मेरे लोवर में हाथ डालने की कोशिश कर रही थीं.

मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था.

 

लेकिन मेरा थोड़ा सा खुद पर से नियंत्रण खो देने का मतलब था सर्वनाश … क्योंकि सारा कार्यक्रम खराब हो सकता था.

 

मैं आधी खुली आंखों से सब देख रहा था.

दीदी बड़ी सावधानी से मेरे लोवर में हाथ डाल रही थीं.

 

उन्होंने मेरे लंड को हल्के से हाथ लगाया और मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मेरा खुद पर नियंत्रण ही नहीं रहा.

 

अचानक ही दीदी उठ कर बाहर चली गईं.

मैं वही पड़ा सब देख रहा था कि अब क्या होने वाला है.

 

तभी दीदी हाथ में तेल की शीशी ले आईं और इस बार उन्होंने मेरी लोवर उतारने की कोशिश की.

 

मैं भी तैयार था, मैंने हल्का सा ऊपर उठकर उनको लोवर नीचे करने दिया.

हालांकि उनको मुझ पर कोई शक नहीं हुआ कि मैं जाग रहा हूँ.

 

अब वह मेरे लंड पर तेल की धार डालने लगीं और दूसरे हाथ से हल्के से लंड सहलाने लगीं.

 

मेरा लंड काफी गीला और चिकना कर देने के बाद दीदी थोड़ा नीचे सरक कर आईं.

अब वे मेरे लंड को चूमने लगीं.

 

मैं आपको बता नहीं सकता कि मैं कैसे सब्र कर रहा था.

ऐसा लग रहा था कि अभी दीदी के मुंह में लंड डाल दूँ.

 

पर मुझे लग रहा था कि इसे सब खराब हो जाएगा इसलिए मैं ऐसे ही पड़ा रहा.

 

अब दीदी ने एक हाथ अपनी चूत पर फेरना चालू किया और मेरा लंड धीरे धीरे चूसने लगीं.

मैं तो जैसे स्वर्ग में था.

 

पर मैं भी कहां इतनी जल्दी झड़ने वाला था.

 

अब तो न दीदी से रहा जा रहा था और ना मुझसे …

दीदी ने अपनी सलवार और पैंटी निकाल कर साइड में रख दी और बड़ी सावधानी से मेरे ऊपर आने लगीं.

 

मैं समझ गया कि आज दीदी मुझसे चुद कर ही मानेंगी.

 

उन्होंने अपने दोनों पैर के बीच मुझे लिया और चूत पर लंड को सहलाने लगीं.

 

दीदी की चूत काफी गीली और गुलाबी थी.

अब तक मेरा लंड भी काफी गीला और चिकना हो चुका था.

 

मेरे लंड का साइज़ लगभग साढ़े छह इंच का है और खासी मोटाई लिए है.

दीदी धीरे धीरे लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं.

 

एक तरफ उनको लग रहा था कि कहीं मैं जग न जाऊं, दूसरी तरफ लंड की मोटाई ज्यादा होने से वह धीरे धीरे उसे अन्दर डाल रही थीं.

अब वह सुपारे पर ही ऊपर नीचे होने लगीं.

 

मैं आपको बता नहीं सकता दोस्तो कि मैं किस तरह का आनन्द ले रहा था.

 

धीरे धीरे उन्होंने पूरा लंड अन्दर कर लिया और उस पर धीरे धीरे चुदने लगीं.

 

अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मुझसे रहा नहीं गया.

मैंने उनके हाथों को पकड़ा और बिजली की गति से उनको नीचे ले लिया.

 

मैं खुद उनके ऊपर आ गया और बोला- धीरे धीरे कब तक चुदोगी दीदी, आओ मैं तुम्हें अपने रॉकेट से तारे दिखा लाऊं!

दीदी तो शर्म के मारे लाल हो गईं- हट … ये क्या कर रहा है पागल! कब जागा?

 

मैंने कहा- मैं सोया ही कहां था दीदी … तब से जाग ही तो तो रहा हूँ … और अब काहे की शर्म. अब तो बस रोज ही चुदना है.

मैं अपनी दीदी को जोर जोर से चोदने लगा.

 

दीदी की चूत गीली हो गई थी तो चप चप की आवाज आ रही थी.

 

अब मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

 

मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.

इसी तरह से कई पोज में धमाकेदार चुदाई की.

 

उस रात को हम दोनों कई बार झड़े.

 

अगले 3 दिन तक रात और कभी कभी दिन में भी मैंने दीदी को हचक कर चोदा और घर सेक्स का मजा लिया.

 

फिर गांव से मम्मी पापा आ गए.

लेकिन तब भी रात में हम दोनों चुदाई जरूर करते.

 

तब से लेकर अब तक जब भी शिवानी दीदी घर आती हैं, मैं रात में उनको चोदता हूँ.

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